Friday, January 4, 2019

#MERI_RACHNA

आज मैंने एक स्टोरी लिखी है जो मैं आप सभी दोस्तों के साथ शेयर करना चाहता हूँ, अच्छी लगे तो दोस्तों से शेयर जरूर करिऐगा🙏

POWER OF POSITIVE THOUGHT
RIGHT BY PRABHAKAR RAAZ.

एक व्यक्ति काफी दिनों से चिंतित चल रहा था जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा तनाव में रहने लगा था। वह इस बात से परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते है, पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊपर है, किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ आना जाना लगा ही रहता है, उसे बहुत ज्यादा पैसा खर्च देना पड़ता है आदि-आदि।

इन्ही बातों को सोच सोच कर वह काफी परेशान रहता था तथा बच्चों को अक्सर डांट देता था तथा अपनी पत्नी से भी ज्यादातर उसका किसी न किसी बात पर झगड़ा चलता रहता था।

एक दिन उसका बेटा उसके पास आया और बोला पिता जी मेरा स्कूल का होमवर्क करा दीजिये, वह व्यक्ति पहले से ही तनाव में था तो उसने बेटे को डांट कर भगा दिया लेकिन जब थोड़ी देर बाद उसका गुस्सा शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया तो देखा कि बेटा सोया हुआ है और उसके हाथ में उसके होमवर्क की कॉपी है। उसने कॉपी लेकर देखी और जैसे ही उसने कॉपी नीचे रखनी चाही, उसकी नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी।

होमवर्क का टाइटल था वे चीजें जो हमें शुरू में अच्छी नहीं लगती लेकिन बाद में वे अच्छी ही होती है !

इस टाइटल पर बच्चे को एक पैराग्राफ लिखना था जो उसने लिख लिया था। उत्सुकता वश उसने बच्चे का लिखा पढना शुरू किया बच्चे ने लिखा था !

● मैं अपने फाइनल एग्जाम को बहुंत धन्यवाद देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये बिलकुल अच्छे नहीं लगते लेकिन इनके बाद स्कूल की छुट्टियाँ पड़ जाती है।

● मैं खराब स्वाद वाली कड़वी दवाइयों को बहुत धन्यवाद देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये कड़वी लगती है लेकिन ये मुझे बीमारी से ठीक करती है।

● मैं सुबह - सुबह जगाने वाली उस अलार्म घड़ी को बहुत धन्यवाद देता हूँ जो मुझे हर सुबह बताती है कि मैं जीवित हूँ।

● मैं ईश्वर को भी बहुत धन्यवाद देता हूँ जिसने मुझे इतने अच्छे पिता दिए क्योंकि उनकी डांट मुझे शुरू में तो बहुत बुरी लगती है लेकिन वो मेरे लिए खिलौने लाते है, मुझे घुमाने ले जाते है और मुझे अच्छी अच्छी चीजें खिलाते है और मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे पास पिता है क्योंकि मेरे दोस्त सोहन के तो पिता ही नहीं है।

बच्चे का होमवर्क पढने के बाद वह व्यक्ति जैसे अचानक नींद से जाग गया हो। उसकी सोच बदल सी गयी। बच्चे की लिखी बातें उसके दिमाग में बार बार घूम रही थी। खासकर वह last वाली लाइन। उसकी नींद उड़ गयी थी। फिर वह व्यक्ति थोडा शांत होकर बैठा और उसने अपनी परेशानियों के बारे में सोचना शुरू किया।

●● मुझे घर के सारे खर्चे उठाने पड़ते है, इसका मतलब है कि मेरे पास घर है और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से बेहतर स्थिति में हूँ जिनके पास घर नहीं है।

●● मुझे पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, इसका मतलब है कि मेरा परिवार है, बीवी बच्चे हैं और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से ज्यादा खुशनसीब हूँ जिनके पास परिवार नहीं है और वो दुनियाँ में बिल्कुल अकेले है।

●● मेरे यहाँ कोई ना कोई मित्र या रिश्तेदार आता जाता रहता है, इसका मतलब है कि मेरी एक सामाजिक हैसियत है और मेरे पास मेरे सुख दुःख में साथ देने वाले लोग है।

●● मैं जरूरत से ज्यादा खर्च भरता हूँ, इसका मतलब है कि मेरे पास अच्छी नौकरी/व्यापार है और मैं उन लोगों से बेहतर हूँ जो बेरोजगार है या पैसों की वजह से बहुत सी चीजों और सुविधाओं से वंचित है.

हे मेरे भगवान् तेरा बहुत बहुत शुक्रिया मुझे माफ करना, मैं तेरी कृपा को पहचान नहीं पाया।

_इसके बाद उसकी सोच एकदम से बदल गयी, उसकी सारी परेशानी, सारी चिंता एक दम से जैसे खत्म हो गयी। वह एकदम से बदल सा गया वह भागकर अपने बेटे के पास गया और सोते हुए बेटे को गोद में उठाकर उसके माथे को चूमने लगा और अपने बेटे को तथा ईश्वर को धन्यवाद देने लगा।

हमारे सामने जो भी परेशानियाँ है हम जब तक उनको नकारात्मक नजरिये से देखते रहेंगे तब तक हम परेशानियों से घिरे रहेंगे लेकिन जैसे ही हम उन्ही चीजों को उन्ही परिस्तिथियों को सकारात्मक नजरिये से देखेंगे, हमारी सोच एकदम से बदल जाएगी, हमारी सारी चिंताए सारी परेशानियाँ, सारे तनाव एक दम से खत्म हो जायेंगे और हमें मुश्किलों से निकलने के नए - नए रास्ते दिखाई देने लगेंगे।

तो दोस्तों आपको ये स्टोरी कैसी लगी नीचें कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताईयेगा👌
आप दोस्त प्रभाकर राज ।

विनाश काल विपरीत बुद्धि : -
है मोहब्बत दिल में देश के लिए
तो चलो हम बने चन्द्रशेखर तुम भगतसिंह बनों
भगाओ उन मुल्लों को जो पाकिस्तानी बनें बैठें है
और आजादी चाहिए खुद को तो वीर कुवर सिंह बनों
आजाद हिन्द फौज की शान बनों ना कि देश का गद्दार बनों,,
ये धरती है वीर जवानों की ना ऐसे बदनाम करों
ये देश हमारी शान है इस देश की शान बनों
#मेरी_रचना,
आपका दोस्त "प्रभाकर राज"

हाथों में अपने गीता रखेंगे, दिल में अपने कुरान रखेंगे
मेल बढ़ाये जो आपस में ऐसा हम धर्म एक ईमान रखेंगे
शंख बजाऐंगे हम और अमन की हम एक ऐसी अजान रखेंगे
आओ मेरे साथियों तुम्हारा कावा भी रहेगा तुम्हारी काशी भी रहेगी
मगर हम तुम सब मिल के सबसे पहले अपना हिन्दुस्तान रखेंगे ॥

इकबाल जिन्दाबाद वंदे मातरम्‌
मेरी रचना, आपका दोस्त "प्रभाकर राज"

मेरी रचना

💞💕💞आज मैंने एक स्टोरी लिखी है जो मैं आप सभी दोस्तों के साथ शेयर करना चाहता हूँ,
अच्छी लगे तो दोस्तों से शेयर जरूर किजिएगा 💞💕💞

🔅🔅एक व्यक्ति काफी दिनों से चिंतित चल रहा था जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा तनाव में रहने लगा था, वह इस बात से परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते है और पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी है, किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ आना जाना लगा ही रहता है, उसे बहुत ज्यादा खर्च इन्हीं कारण से देना पड़ता था🔅🔅

🔅🔅इन्ही बातों को सोच सोच कर वह काफी परेशान रहता था बच्चों को अक्सर डांट देता था और अपनी पत्नी से भी ज्यादातर उसका किसी न किसी बात पर झगड़ा चलता रहता था🔅🔅

🔅🔅एक दिन उसका बेटा उसके पास आया और बोला पिताजी मेरा स्कूल का होमवर्क करा दीजिये, वह व्यक्ति पहले से ही तनाव में था तो उसने बेटे को डांट कर भगा दिया लेकिन जब थोड़ी देर बाद उसका गुस्सा शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया तो देखा कि बेटा सोया हुआ है और उसके हाथ में उसके होमवर्क की कॉपी है। उसने कॉपी लेकर देखी और जैसे ही उसने कॉपी नीचे रखनी चाही उसकी नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी🔅🔅

💕💕होमवर्क का टाइटल था ••• वे चीजें जो हमें शुरू में अच्छी नहीं लगतीं लेकिन बाद में वे अच्छी ही होती है💕💕

🔅🔅इस टाइटल पर बच्चे को एक पैराग्राफ लिखना था जो उसने लिख लिया था उत्सुकतावश उसने बच्चे का लिखा पढना शुरू किया बच्चे ने लिखा था🔅🔅

🔅🔅मै अपने फाइनल एग्जाम को बहुंत धन्यवाद देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये बिलकुल अच्छे नहीं लगते लेकिन इनके बाद स्कूल की छुट्टियाँ पड़ जाती है🔅🔅

🔅🔅मैं खराब स्वाद वाली कड़वी दवाइयों को बहुत धन्यवाद देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये कड़वी लगती है लेकिन ये मुझे बीमारी से ठीक करती है🔅🔅

🔅🔅मैं सुबह - सुबह जगाने वाली उस अलार्म घड़ी को बहुत धन्यवाद देता हूँ जो मुझे हर सुबह बताती है कि मैं जीवित हूँ🔅🔅

🔅🔅मैं ईश्वर को भी बहुत धन्यवाद देता हूँ जिसने मुझे इतने अच्छे पिता दिए क्योंकि उनकी डांट मुझे शुरू में तो बहुत बुरी लगती है लेकिन वो मेरे लिए खिलौने लाते है मुझे घुमाने ले जाते है और मुझे अच्छी अच्छी चीजें खिलाते है और मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे पास पिता है क्योंकि मेरे दोस्त सोहन के पिता ही नहीं है🔅🔅

🔅🔅बच्चे का होमवर्क पढने के बाद वह व्यक्ति जैसे अचानक नींद से जाग गया हो उसकी सोच बदल सी गयी । बच्चे की लिखी बातें उसके दिमाग में बार बार घूम रही थी खासकर वह आखिरी वाली लाइन उसकी नींद उड़ गयी थी फिर वह व्यक्ति थोडा शांत होकर बैठा और उसने अपनी परेशानियों के बारे में सोचना शुरू किया🔅🔅

🔅🔅मुझे घर के सारे खर्चे उठाने पड़ते है, इसका मतलब है कि मेरे पास घर है और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से बेहतर स्थिति में हूँ जिनके पास घर नहीं है🔅🔅

🔅🔅मुझे पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, इसका मतलब है कि मेरा परिवार है, बीवी बच्चे है और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से ज्यादा खुशनसीब हूँ जिनके पास परिवार नहीं है और वो दुनियाँ में बिल्कुल अकेले है🔅🔅

🔅🔅मेरे यहाँ कोई ना कोई मित्र या रिश्तेदार आता जाता रहता है, इसका मतलब है कि मेरी एक सामाजिक हैसियत है और मेरे पास मेरे सुख दुःख में साथ देने वाले लोग है🔅🔅

🔅🔅मैं बहुत ज्यादा खर्च घर में भरता हूँ, इसका मतलब है कि मेरे पास अच्छी नौकरी/व्यापार है और मैं उन लोगों से बेहतर हूँ जो बेरोजगार है या पैसों की वजह से बहुत सी चीजों और सुविधाओं से वंचित है🔅🔅

💞💕💞"हे मेरे भगवान तेरा बहुत-बहुत शुक्रिया ••• मुझे माफ करना मैं तेरी कृपा को पहचान नहीं पाया"💞💕💞

🔅🔅इसके बाद उसकी सोच एकदम से बदल गयी, उसकी सारी परेशानी, सारी चिंता एक दम से जैसे खत्म हो गयी वह एकदम से बदल सा गया वह भागकर अपने बेटे के पास गया और सोते हुए बेटे को गोद में उठाकर उसके माथे को चूमने लगा और अपने बेटे को तथा ईश्वर को धन्यवाद देने लगा🔅🔅

🔅🔅हमारे सामने जो भी परेशानियाँ है हम जब तक उनको नकारात्मक नजरिये से देखते रहेंगे तब तक हम परेशानियों से घिरे रहेंगे लेकिन जैसे ही हम उन्ही चीजों को उन्ही परिस्तिथियों को सकारात्मक नजरिये से देखेंगे, हमारी सोच एकदम से बदल जाएगी हमारी सारी चिंताए सारी परेशानियाँ, सारे तनाव एक दम से खत्म हो जायेंगे और हमें मुश्किलों से निकलने के नए - नए रास्ते दिखाई देने लगेंगे🔅🔅

😍😍तो दोस्तों आपके ये स्टोरी कैसी लगी नीचे कमेंट में बरूर बताइयेगा ।
आपका दोस्त "प्रभाकर राज"😎😎 

2 : - मनुष्य अकेला ही जन्म लेता है, अकेला ही दुःख भोगता है, अकेला ही मोक्ष का अधिकारी होता है और अकेला ही नरक जाता है. अतः रिश्ते-नाते तो क्षण भंगुर हैं, हमें अकेले ही दुनिया के मंच पर अभिनय करना पड़ता है.

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तेरी यादें

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