Sunday, July 15, 2018

खुद से झूठ बोल रहा है आदमी 😦😢😭

चेहरे पर चेहरा लगाकर जी रहा है आदमी↔

खुद से भी खुद को छुपाकर जी रहा है आदमी↔

कहने को तो हम अपने को बेबाक कहते हैं↔
              मगर तो सच ये है कि ❣

सच को छुपाकर जी रहा है आदमी↔

देखने को हर किसी के होठों पर मुस्कान है↔

दर्द सीने में दबा कर जी रहा है आदमी↔

ख्वाहिशों के बोझ में दब सी गयी है जिन्दगी↔

फिर भी ये बोझा उठाकर जी रहा है आदमी↔

जिस तरफ भी देखिये बेचैनियाँ है दर्द है↔

जिन्दगानी को भुलाकर जी रहा है आदमी↔

आदमी को आदमी पर अब भरोसा ही नहीं↔

बस्तियों में जानवर बन जी रहा है आदमी↔

मर चुकी इंसानियत धर्म भी बाकी कहाँ↔

मर रहे है हर रोज,फिर भी जी रहा है आदमी↔
❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣❣
↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔↔
शुभ-प्रभात आप सबका समय शुभ एंव मंगलमय
हो मेरी यही कामना है ↔🙏🙏🙏🙏🙏

लेखक :↔ प्रभाकर राज ↔

No comments:

तेरी यादें

#MERI_RACHNA

आज मैंने एक स्टोरी लिखी है जो मैं आप सभी दोस्तों के साथ शेयर करना चाहता हूँ, अच्छी लगे तो दोस्तों से शेयर जरूर करिऐगा🙏 POWER OF...